वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने 18 फरवरी, 2020 को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए उत्तर प्रदेश राज्य का बजट प्रस्तुत किया।
- 2020-21 के लिए उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) मौजूदा मूल्यों पर 17,91,263 करोड़ रुपए अनुमानित है। यह इस अनुमान पर आधारित है कि 2019-20 में राज्य की अर्थव्यवस्था में 6% की दर से बढ़ोतरी होगी। पिछले वर्ष की तुलना में 2019-20 में जीएसडीपी के 14% की दर से बढ़ने का अनुमान है।
- 2020-21 के लिए कुल व्यय 5,12,861 करोड़ रुपए अनुमानित है, जोकि 2019-20 के संशोधित अनुमान से 13.5% अधिक है। 2019-20 के लिए संशोधित अनुमान, बजट अनुमान से 27,873 करोड़ रुपए कम है (5.8%)।
- 2020-21 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 4,24,768 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जोकि 2019-20 के संशोधित अनुमान से 13% अधिक है। 2019-20 में कुल प्राप्तियों के (उधारियों को छोड़कर) बजटीय अनुमान (21,469 करोड़ रुपए) से कम रहने का अनुमान है (5.4%)।
- 2020-21 के लिए राजस्व घाटा 53,195 करोड़ रुपए पर लक्षित है (जीएसडीपी के 2.97%)। 2019-20 में संशोधित अनुमान के अनुसार, इसके 3,494 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी का अनुमान है जोकि जीएसडीपी का 2.98% होगा, जबकि बजटीय अनुमान जीडीपी का 2.97% था। 2020-21 में बजट में 27,451 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है (जीएसडीपी का 1.53%)।
- आवासन और शहरी विकास (26%), पुलिस (19%) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (16%) जैसे क्षेत्रों के लिए सर्वाधिक आबंटन किए गए हैं। बिजली क्षेत्र के लिए आबंटन सबसे कम है (15%)।
नीतिगत विशिष्टताएं
- अप्रेंटिसशिप योजना: युवाओं को उद्योगों में अप्रेंटिस के तौर पर काम करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए नई योजना प्रस्तावित की गई है, जिसमें उन्हें अप्रेंटिसशिप के साथ-साथ हर महीने स्टाइपेंड दिया जाएग। इस स्टाइपेंड में 1,500 रुपए केंद्र सरकार की तरफ से दिए जाएंगे, 1,000 रुपए राज्य सरकार द्वारा और बाकी की राशि नियोक्ता देगा। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए हैं।
- युवा हब्स: एक लाख से अधिक प्रशिक्षित युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से युवा उद्यमी विकास अभियान के नाम से नई योजना प्रस्तावित की गई है। प्लानिंग के चरण से एक वर्ष की अवधि तक स्टार्टअप्स को वित्तीय एवं परिचालनगत सहायता प्रदान करने हेतु सभी जिलों में युवा हब्स बनाए जाएंगे। इन हब्स को स्थापित करने के लिए 50 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए हैं। युवा हब्स युवाओं के लिए स्वरोजगार की सभी योजनाओं को एकीकृत तरीके से लागू करेंगे और उसके लिए लगभग 1,200 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
- राज्य नीति आयोग: मौजूदा राज्य योजना आयोग के स्थान पर राज्य नीति आयोग गठित किया जाएगा। यह आयोग राज्य के एकीकृत और सतत विकास हेतु रोडमैप तैयार करेगा। जिला स्तर पर योजनाओं की तैयारी और समेकन के लिए एक प्रणाली तैयार की जाएगी।
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था
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रेखाचित्र 1: उत्तर प्रदेश में जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में विकास (वर्ष दर वर्ष, 2011-12 के स्थायी मूल्यों पर)
Note: Agriculture includes other primary activities such as mining. Sources: Central Statistics Office, MOSPI; PRS. |
2020-21 के लिए बजट अनुमान
- 2020-21 में 5,12,861 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। यह 2019-20 के संशोधित अनुमान से 13.5% अधिक है। इस व्यय को 4,24,768 करोड़ रुपए (85%) की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 75,791 करोड़ रुपए (15%) की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2019-20 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2020-21 में 13% अधिक की कुल प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) की उम्मीद है। संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2019-20 में राज्य में बजटीय अनुमान की तुलना में व्यय में 27,873 करोड़ रुपए की कमी (5.8%) का अनुमान है, जबकि प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) के बजटीय अनुमान से 21,469 करोड़ रुपए कम (5.4%) रहने का अनुमान है।
तालिका 1: बजट 2020-21 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2018-19 वास्तविक |
2019-20 बजटीय |
2019-20 संशोधित |
बअ 2019-20 से संअ 2019-20 में परिवर्तन का % |
2020-21 बजटीय |
संअ 2019-20 से बअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
कुल व्यय |
3,91,211 |
4,79,701 |
4,51,828 |
-5.8% |
5,12,861 |
13.5% |
क. प्राप्तियां (उधारियों के बिना) |
3,35,291 |
3,97,416 |
3,75,947 |
-5.4% |
4,24,768 |
13.0% |
ख. उधारियां |
51,595 |
73,268 |
63,268 |
-13.6% |
75,791 |
19.8% |
कुल प्राप्तियां (ए+बी) |
3,86,886 |
4,70,684 |
4,39,216 |
-6.7% |
5,00,559 |
14.0% |
राजस्व अधिशेष |
28,250 |
27,777 |
26,282 |
-5.4% |
27,451 |
4.4% |
जीएसडीपी का % |
1.91% |
1.76% |
1.56% |
|
1.53% |
|
राजकोषीय घाटा |
35,203 |
46,911 |
50,405 |
7.4% |
53,195 |
5.5% |
जीएसडीपी का % |
2.38% |
2.97% |
2.98% |
|
2.97% |
|
प्राथमिक घाटा |
3,161 |
11,537 |
15,842 |
37.3% |
15,104 |
-4.7% |
जीएसडीपी का % |
0.21% |
0.73% |
0.94% |
|
0.84% |
|
Sources: Uttar Pradesh Budget Documents 2020-21 (Annual Financial Statement, MTFP Statement); PRS.
2020-21 में व्यय
- 2020-21 में पूंजीगत व्यय 1,17,744 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 के संशोधित अनुमान से 9.2% की वृद्धि है। पूंजीगत व्यय में ऐसे व्यय शामिल हैं, जोकि राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों को प्रभावित करते हैं, जैसे (i) पूंजीगत परिव्यय यानी ऐसा व्यय जोकि परिसंपत्तियों का सृजन (जैसे पुल और अस्पताल) करता है और (ii) राज्य सरकार द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान और ऋण देना।
सबसिडी: 2020-21 में राज्य के 16,726 करोड़ रुपए मूल्य की सबसिडी देने की उम्मीद है जोकि 2019-20 के संशोधित अनुमान से 5.4% अधिक है। इसमें 9,050 करोड़ रुपए (54%) बिजली की सबसिडी के लिए आबंटित किए गए हैं। 2,906 करोड़ रुपए (17%) कृषि क्षेत्र की सबसिडी के लिए आबंटित किए गए हैं। 2019-20 में सबसिडी पर राज्य का व्यय बजटीय चरण में 14,849 करोड़ रुपए से बढ़कर संशोधित चरण में 15,874 करोड़ रुपए होने का अनुमान है (6.9% की वृद्धि)। बिजली सबसिडी में 1,000 करोड़ रुपए की वृद्धि के कारण यह मुख्य रूप से हुआ है। |
- 2020-21 में उत्तर प्रदेश में 81,209 करोड़ रुपए का पूंजीगत परिव्यय अनुमानित है जिसमें 2019-20 के संशोधित अनुमान की तुलना में 2.8% की वृद्धि है। 2020-21 में पूंजीगत परिव्यय के लिए जिन क्षेत्रों को सर्वाधिक आबंटन किए गए, उनमें परिवहन (कुल पूंजीगत परिव्यय का 30%), बिजली (14%) और आवासन एवं शहरी विकास (11%) शामिल हैं।
- 2020-21 के लिए 3,95,117 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 14.9% की वृद्धि है। राजस्व व्यय में सबसिडी, वेतन का भुगतान, पेंशन और ब्याज शामिल हैं। 2020-21 में कुल व्यय में राजस्व व्यय का हिस्सा 77% है। बाकी के 23% में पूंजीगत परिव्यय (16%) और लोन देना (7%) शामिल है।
तालिका 2: बजट 2020-21 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2018-19 वास्तविक |
2019-20 बजटीय |
2019-20 संशोधित |
बअ 2019-20 से संअ 2019-20 में परिवर्तन का % |
2020-21 बजटीय |
संअ 2019-20 से बअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
पूंजीगत व्यय |
89,483 |
1,15,744 |
1,07,845 |
-6.8% |
1,17,744 |
9.2% |
जिसमें पूंजीगत परिव्यय |
62,463 |
77,641 |
79,011 |
1.8% |
81,209 |
2.8% |
राजस्व व्यय |
3,01,728 |
3,63,957 |
3,43,983 |
-5.5% |
3,95,117 |
14.9% |
कुल व्यय |
3,91,211 |
4,79,701 |
4,51,828 |
-5.8% |
5,12,861 |
13.5% |
क. ऋण पुनर्भुगतान |
20,717 |
35,374 |
25,476 |
-28.0% |
34,897 |
37.0% |
ख. ब्याज भुगतान |
32,042 |
35,374 |
34,563 |
-2.3% |
38,091 |
10.2% |
ऋण चुकौती (क+ख) |
52,759 |
70,748 |
60,038 |
-15.1% |
72,989 |
21.6% |
Sources: Uttar Pradesh Budget Documents 2020-21 (Annual Financial Statement); PRS.
2020-21 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय
2020-21 के दौरान उत्तर प्रदेश के बजटीय व्यय का 61% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक में प्रस्तुत है।
तालिका 3: उत्तर प्रदेश बजट 2020-21 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2018-19 वास्तविक |
2019-20 बजटीय |
2019-20 संशोधित |
2020-21 बजटीय |
संअ 2019-20 से बअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2020-21 के लिए बजटीय प्रावधान |
शिक्षा |
48,650 |
62,938 |
57,115 |
64,805 |
13.5% |
|
परिवहन |
26,532 |
27,661 |
29,092 |
33,152 |
14.0% |
|
ग्रामीण विकास |
29,315 |
30,277 |
29,836 |
31,402 |
5.3% |
|
आवासन और शहरी विकास |
11,206 |
23,513 |
22,572 |
28,349 |
25.6% |
|
पुलिस |
16,991 |
23,619 |
22,119 |
26,395 |
19.3% |
|
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
18,102 |
23,884 |
22,553 |
26,266 |
16.5% |
|
सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण |
12,826 |
21,937 |
20,723 |
23,438 |
13.1% |
|
बिजली |
28,764 |
26,503 |
27,567 |
23,425 |
-15.0% |
|
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
12,301 |
18,690 |
18,428 |
19,137 |
3.8% |
|
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
15,077 |
12,333 |
12,102 |
12,682 |
4.8% |
|
कुल व्यय का % |
60% |
61% |
62% |
61% |
|
|
Sources: Uttar Pradesh Budget Documents 2020-21 (Annual Financial Statement, Detailed Demands for Grants, Budget Speech); PRS.
प्रतिबद्ध देनदारियां: राज्य की प्रतिबद्ध देनदारियों में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। अगर बजट में प्रतिबद्ध देनदारियों के लिए बड़ा हिस्सा आबंटित किया जाता है तो इससे राज्य पूंजीगत निवेश जैसी प्राथमिकताओं पर कम व्यय कर पाता है। 2020-21 में उत्तर प्रदेश द्वारा प्रतिबद्ध देनदारियों, यानी वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज पर 2,24,561 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का अनुमान है (राज्य की राजस्व प्राप्तियों के 53% के बराबर)। इसका अर्थ यह है कि राज्य की 47% प्राप्तियों से अन्य प्रकार के व्यय किए जाएंगे। कोई भी अतिरिक्त व्यय उधारियों के जरिए किया जाएगा। औसतन, राज्य की 50% राजस्व प्राप्तियों को प्रतिबद्ध देनदारियों पर खर्च किया जाता है।
आम तौर पर प्रतिबद्ध देनदारियों की प्रकृति लचीली नहीं होती। इसमें साल भर में परिवर्तन की संभावना सीमित होती है। फिर भी वेतन पर राज्य के व्यय में बजटीय चरण से अंतिम चरण के दौरान कटौती हुई है। 2018-19 में वेतन पर 90,263 करोड़ रुपए खर्च किए गए जोकि बजटीय अनुमान से 13,001 करोड़ रुपए कम हैं (13%)। 2019-20 में संशोधित आंकड़ों के अनुसार, वेतन पर व्यय में 9,669 करोड़ रुपए की गिरावट का अनुमान है (8%)।
तालिका 4: 2020-21 में राज्य में प्रतिबद्ध देनदारियों पर व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2018-19 वास्तविक |
2019-20 बजटीय |
2019-20 संशोधित |
बअ 2019-20 से संअ 2019-20 में परिवर्तन का % |
2020-21 बजटीय |
संअ 2019-20 से बअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
वेतन |
90,263 |
1,17,779 |
1,08,111 |
-8.2% |
1,24,408 |
15.1% |
पेंशन |
44,024 |
53,134 |
55,005 |
3.5% |
62,062 |
12.8% |
ब्याज भुगतान |
32,042 |
35,374 |
34,563 |
-2.3% |
38,091 |
10.2% |
प्रतिबद्ध देनदारियां |
1,66,329 |
2,06,288 |
1,97,678 |
-4.2% |
2,24,561 |
13.6% |
Sources: Uttar Pradesh Budget Documents 2020-21 (Annual Financial Statement); PRS.
2020-21 में प्राप्तियां
- 2020-21 के लिए 4,22,568 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान है, जोकि 2019-20 के संशोधित अनुमानों से 14.1% अधिक है। इनमें से 1,89,592 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 45%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे। 2,32,976 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 55%) केंद्रीय हस्तांतरण के रूप में होंगे, यानी केंद्रीय करों में राज्यों का हिस्सा और केंद्र सरकार द्वारा सहायतानुदान।
- हस्तांतरण: 2020-21 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी से प्राप्त होने वाले राजस्व में पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान की तुलना में 13% की वृद्धि का अनुमान है। हालांकि 2019-20 में बजट अनुमानों की तुलना में हस्तांतरण में 11.5% की गिरावट का अनुमान है जोकि 1,35,312 करोड़ रुपए हो सकता है। इसका एक कारण केंद्रीय बजट में राज्यों के हस्तांतरण में 19% की कटौती हो सकती है। यह बजटीय स्तर पर 8,09,133 करोड़ से संशोधित चरण में 6,56,046 करोड़ रुपए हो सकता है। अनुलग्नक 2 में 2020-21 के लिए 15 वें वित्त आयोग के प्रमुख सुझावों को रेखांकित किया गया है, विशेष रूप से केंद्र सरकार के कर राजस्व में उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों का संशोधित हिस्सा।
तालिका 5 : राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2018-19 वास्तविक |
2019-20 बजटीय |
2019-20 संशोधित |
बअ 2019-20 से संअ 2019-20 में परिवर्तन का % |
2020-21 बजटीय |
संअ 2019-20 से बअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
राज्य के अपने कर* |
1,20,122 |
1,33,807 |
1,27,670 |
-4.6% |
1,58,413 |
24.1% |
राज्य के अपने गैर कर |
30,101 |
30,633 |
31,376 |
2.4% |
31,179 |
-0.6% |
केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी |
1,36,766 |
1,52,863 |
1,35,312 |
-11.5% |
1,52,863 |
13.0% |
केंद्र से सहायतानुदान* |
42,988 |
74,432 |
75,908 |
2.0% |
80,112 |
5.5% |
राजस्व प्राप्तियां |
3,29,978 |
3,91,734 |
3,70,265 |
-5.5% |
4,22,568 |
14.1% |
उधारियां |
51,595 |
73,268 |
63,268 |
-13.6% |
75,791 |
19.8% |
अन्य प्राप्तियां |
5,313 |
5,682 |
5,682 |
0.0% |
2,200 |
-61.3% |
पूंजीगत प्राप्तियां |
56,909 |
78,950 |
68,950 |
-12.7% |
77,991 |
13.1% |
कुल प्राप्तियां |
3,86,886 |
4,70,684 |
4,39,216 |
-6.7% |
5,00,559 |
14.0% |
Note: *State’s Own Tax and Grants from Centre figures have been adjusted to account for GST compensation grants as Grants from Centre.
Sources: Uttar Pradesh Budget Documents 2020-21 (Annual Financial Statement, Detailed Receipts); PRS.
- स्वयं कर राजस्व: 2020-21 में उत्तर प्रदेश को 1,58,413 करोड़ रुपए का कुल स्वयं कर राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है (राजस्व प्राप्तियों का 37%)। यह 2019-20 के संशोधित अनुमान से 24.1% अधिक है। 2020-21 में स्वयं कर-जीएसडीपी अनुपात 8.8% पर लक्षित है जोकि 2019-20 के संशोधित अनुमान से 7.6% अधिक है। इसका अर्थ यह है कि करों के एकत्रण में होने वाली वृद्धि अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर से अधिक है।
तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)
मद |
2018-19 वास्तविक |
2019-20 बजटीय |
2019-20 संशोधित |
बअ 2019-20 से संअ 2019-20 में परिवर्तन का % |
2020-21 बजटीय |
संअ 2019-20 से बअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
राज्य जीएसटी* |
46,108 |
46,611 |
46,611 |
0.0% |
55,673 |
19.4% |
सेल्स टैक्स/वैट |
23,798 |
24,660 |
22,356 |
-9.3% |
28,287 |
26.5% |
राज्य एक्साइज |
23,927 |
31,517 |
29,403 |
-6.7% |
37,500 |
27.5% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण फीस |
15,733 |
19,179 |
17,963 |
-6.3% |
23,197 |
29.1% |
जीएसटी मुआवजा अनुदान |
308 |
6,369 |
6,369 |
0.0% |
7,608 |
19.4% |
Note: *State GST figures have been adjusted to account for GST compensation grants as grants from centre (and not state GST revenue).
Sources: Uttar Pradesh Budget Documents 2020-21 (Annual Financial Statement, Detailed Receipts); PRS.
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जीएसटी मुआवजा: जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) एक्ट, 2017 राज्यों को पांच वर्षों के लिए (2022 तक) जीएसटी के लागू होने के कारण होने वाले घाटे की भरपाई की गारंटी देता है। एक्ट राज्यों को उनके राजस्व में 14% वार्षिक वृद्धि की गारंटी देता है जोकि जीएसटी में समाहित हो गया था। अगर राज्य का जीएसटी राजस्व, वृद्धि से मेल नहीं खाता तो इस कमी को दूर करने के लिए मुआवजा दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश को 2020-21 में 7,608 करोड़ रुपए के जीएसटी मुआवजा अनुदान की उम्मीद है जोकि 2019-20 के संशोधित अनुमान की तुलना में 19.4% अधिक है। 2019-20 में राज्य को 6,369 करोड़ रुपए के मुआवजे की उम्मीद है जोकि 2018-19 में प्राप्त 308 करोड़ रुपए से काफी अधिक है। राज्य की मुआवजे की जरूरत बढ़ने से यह संकेत मिलता है कि उसकी जीएसटी राजस्व वृद्धि दर में और गिरावट हुई है जबकि एक्ट में 14% की वृद्धि प्रस्तावित है। |
2020-21 में घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य
उत्तर प्रदेश के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2004 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
राजस्व घाटा: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। इसका यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा।
एक बार राजस्व घाटे का हिसाब होने पर उधारियों को पूंजीगत निवेश के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। दूसरी ओर राजस्व अधिशेष का अर्थ है कि राजस्व प्राप्तियां राजस्व व्यय से अधिक हो सकती हैं। यह राज्य को अधिशेष राशि प्रदान करता है जिसे पूंजीगत निवेश या ऋण के पुनर्भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि दीर्घावधि के लिए राजस्व अधिशेष इस बात का संकेत भी है कि राज्य के पास राजस्व व्यय अपर्याप्त है।
2020-21 के बजट अनुमानों में 27,451 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया है जोकि राज्य जीडीपी का 1.53% है। यह 2019-20 के लिए अनुमानित राजस्व अधिशेष से 26,282 करोड़ रुपए अधिक है जोकि जीएसडीपी का 1.56% है। इसका अर्थ यह है कि राज्य का राजस्व संतुलन 14वें वित्त आयोग के उस सुझाव का पालन करता है जिसमें राजस्व घाटे को समाप्त करने को कहा गया है।
राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियों में वृद्धि होती है। 2020-21 में 53,195 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है जोकि राज्य जीडीपी के 2.97% के बराबर है। यह अनुमान 14वें वित्त आयोग की 3% की निर्धारित सीमा के भीतर है। 2019-20 में राजकोषीय घाटा 50,405 करोड़ रुपए अनुमानित है (जीएसडीपी का 2.98%) जोकि 2018-19 में 35,203 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे से 43% अधिक है (जीएसडीपी का 2.38%)।
बकाया देनदारियां: पिछले कई वर्षों की राज्य की उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2020-21 में राज्य की बकाया देनदारियों के जीएसडीपी के 28.8% के बराबर होने का अनुमान है। यह एफआरबीएम रिव्यू कमिटी (2017) द्वारा राज्यों के कुल ऋण के लिए निर्धारित 20% की सीमा से अधिक है।
तालिका 7 : 2020-21 में उत्तर प्रदेश के बजट में विभिन्न घाटों के लक्ष्य (जीएसडीपी के % के रूप में)
वर्ष |
राजस्व |
राजकोषीय |
बकाया देनदारियां |
घाटा (-)/अधिशेष (+) |
घाटा (-)/अधिशेष (+) |
||
2018-19 |
1.91% |
-2.38% |
30.2% |
2019-20 (संअ) |
1.56% |
-2.98% |
28.2% |
2020-21 (बअ) |
1.53% |
-2.97% |
28.8% |
2021-22 |
1.77% |
-2.93% |
28.8% |
2022-23 |
1.93% |
-2.93% |
28.7% |
Sources: Uttar Pradesh Budget Documents 2020-21 (MTFP Statement); PRS.
रेखाचित्र 2 और 3 में 2018-19 से 2022-23 के दौरान राज्य के घाटों और बकाया देनदारियों की प्रवृति को प्रदर्शित किया गया है।
रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %) Sources: Uttar Pradesh Budget Documents 2020-21; PRS. |
रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)
Sources: Uttar Pradesh Budget Documents 2020-21; PRS. |
अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना
निम्नलिखित तालिकाओं में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में उत्तर प्रदेश के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 29 राज्यों द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय को इंगित करता है।[*]
- शिक्षा: 2020-21 में उत्तर प्रदेश ने शिक्षा के लिए बजट का 13.6% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.9%), उसकी तुलना में उत्तर प्रदेश का आबंटन कम है (2019-20 के बजट अनुमानों का इस्तेमाल करते हुए)।
- स्वास्थ्य: उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 5.5% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (5.2%) से यह कुछ ज्यादा है।
- कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां: राज्य ने 2020-21 में कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए अपने बजट का 2.7% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के आबंटनों (7.1%) से काफी कम है।
- ग्रामीण विकास: 2020-21 में उत्तर प्रदेश ने ग्रामीण विकास के लिए 6.6% का आबंटन किया है। यह 2019-20 में अन्य राज्यों के औसत (6.2%) से अधिक है।
- सड़क और पुल: 2020-21 में उत्तर प्रदेश ने सड़कों और पुलों के लिए 6.3% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.2%) से काफी अधिक है।
- पुलिस: 2020-21 में उत्तर प्रदेश ने पुलिस के लिए 5.5% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटन (4.1%) से अधिक है।
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Sources: State Budget Documents 2019-20 and 2020-21 (Annual Financial Statement); PRS.
अनुलग्नक 2: 2020-21 में 15वें वित्त आयोग के सुझाव
15वें वित्त आयोग ने 1 फरवरी, 2020 को 2020-21 के वित्तीय वर्ष के लिए अपनी रिपोर्ट संसद में पेश की। आयोग ने सुझाव दिया है कि 2020-21 में केंद्र सरकार के कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी 41% की जाए, जोकि 14वें वित्त आयोग द्वारा सुझाए 42% हिस्से से 1% कम है। नव निर्मित केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख को केंद्र सरकार द्वारा धनराशि देने के लिए 1% की गिरावट की गई है। 15वें वित्त आयोग ने सभी राज्यों की हिस्सेदारी को निर्धारित करने के लिए संशोधित मानदंड भी प्रस्तावित किया है।
तालिका 8 में केंद्र सरकार के कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी प्रदर्शित की गई है[†] जोकि 2015-20 के लिए 14वें वित्त आयोग और 2020-21 के लिए 15वें वित्त आयोग के सुझावों पर आधारित है। 15वें वित्त आयोग ने सुझाव दिया है कि 2020-21 के लिए केंद्र के कर राजस्व में राज्य का हिस्सा 7.35% हो (2015-20 के लिए 14वें वित्त आयोग द्वारा सुझाए 7.54% हिस्से से कम)। इसका अर्थ यह है कि 2020-21 में केंद्र के कर राजस्व में प्रति 100 रुपए पर उत्तर प्रदेश को 7.35 रुपए मिलेंगे। तालिका 8 में 2019-20 और 2020-21 के लिए केंद्र द्वारा राज्यों को अनुमानित हस्तांतरण को प्रदर्शित किया गया है (करोड़ रुपए में)।
तालिका 3: 14वें और 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत केंद्रीय कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी (2020-21)
राज्य |
केंद्र के कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी |
केंद्र द्वारा राज्यों को हस्तांतरण |
||||
14वां विआ (2015-20) |
15वां विआ (2020-21) |
% परिवर्तन |
2019-20 संअ |
2020-21 बअ |
% परिवर्तन |
|
आंध्र प्रदेश |
1.81 |
1.69 |
-7% |
28,242 |
32,238 |
14% |
अरुणाचल प्रदेश |
0.58 |
0.72 |
24% |
8,988 |
13,802 |
54% |
असम |
1.39 |
1.28 |
-8% |
21,721 |
24,553 |
13% |
बिहार |
4.06 |
4.13 |
2% |
63,406 |
78,896 |
24% |
छत्तीसगढ़ |
1.29 |
1.4 |
9% |
20,206 |
26,803 |
33% |
गोवा |
0.16 |
0.16 |
0% |
2,480 |
3,027 |
22% |
गुजरात |
1.3 |
1.39 |
7% |
20,232 |
26,646 |
32% |
हरियाणा |
0.46 |
0.44 |
-4% |
7,112 |
8,485 |
19% |
हिमाचल प्रदेश |
0.3 |
0.33 |
10% |
4,678 |
6,266 |
34% |
जम्मू एवं कश्मीर |
0.78 |
- |
- |
12,171 |
- |
- |
झारखंड |
1.32 |
1.36 |
3% |
20,593 |
25,980 |
26% |
कर्नाटक |
1.98 |
1.49 |
-25% |
30,919 |
28,591 |
-8% |
केरल |
1.05 |
0.8 |
-24% |
16,401 |
15,237 |
-7% |
मध्य प्रदेश |
3.17 |
3.23 |
2% |
49,518 |
61,841 |
25% |
महाराष्ट्र |
2.32 |
2.52 |
9% |
36,220 |
48,109 |
33% |
मणिपुर |
0.26 |
0.29 |
12% |
4,048 |
5,630 |
39% |
मेघालय |
0.27 |
0.31 |
15% |
4,212 |
5,999 |
42% |
मिजोरम |
0.19 |
0.21 |
11% |
3,018 |
3,968 |
31% |
नागालैंड |
0.21 |
0.23 |
10% |
3,267 |
4,493 |
38% |
ओड़िशा |
1.95 |
1.9 |
-3% |
30,453 |
36,300 |
19% |
पंजाब |
0.66 |
0.73 |
11% |
10,346 |
14,021 |
36% |
राजस्थान |
2.31 |
2.45 |
6% |
36,049 |
46,886 |
30% |
सिक्किम |
0.15 |
0.16 |
7% |
2,408 |
3,043 |
26% |
तमिलनाडु |
1.69 |
1.72 |
2% |
26,392 |
32,849 |
24% |
तेलंगाना |
1.02 |
0.87 |
-15% |
15,988 |
16,727 |
5% |
त्रिपुरा |
0.27 |
0.29 |
7% |
4,212 |
5,560 |
32% |
उत्तर प्रदेश |
7.54 |
7.35 |
-3% |
1,17,818 |
1,40,611 |
19% |
उत्तराखंड |
0.44 |
0.45 |
2% |
6,902 |
8,657 |
25% |
पश्चिम बंगाल |
3.08 |
3.08 |
0% |
48,048 |
58,963 |
23% |
कुल |
42 |
41 |
-2% |
6,56,046 |
7,84,181 |
20% |
Sources: Reports of 14th and 15th Finance Commissions (2020-21); Union Budget Documents 2020-21; PRS.
इसके अतिरिक्त 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 के लिए विशेष लक्ष्यों के लिए कुछ सहायतानुदान दिए जाने का सुझाव दिया है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) राजस्व घाटा समाप्त करने के लिए राज्यों को 74,341 करोड़ रुपए का अनुदान, जोकि उत्तर प्रदेश को नहीं दिया जाएगा, और (ii) स्थानीय निकायों को 90,000 करोड़ रुपए का अनुदान, जिसके लिए उत्तर प्रदेश को 14,447 करोड़ रुपए मिलेंगे (इसमें ग्रामीण स्थानीय निकायों को 9,752 करोड़ रुपए और शहरी स्थानीय निकायों को 4,695 करोड़ रुपए दिए जाएंगे)।
[*] 29 states include all states except Manipur. It also includes the Union Territory of Delhi and the erstwhile state of Jammu and Kashmir.
[†] This excludes the cess and surcharge revenue of the central government as it is outside the divisible pool and not shared with states. As per the 2019-20 union budget, cess and surcharge revenue account for 15% of the estimated gross tax revenue of the central government.
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